Wednesday, November 14, 2012

जब देह यात्रा पूरी हो



जब देह -यात्रा पूरी हो ,
आशा ना कोई अधूरी हो !
हम रहे किसी से दूर मगर ,
दिल से दिल के ना दूरी  हो !

बिछड़े  तो रोदन साज बने ,
मिल के बिछड़े  तो ताज बने ,
खुशियों  से दुनिया भरी परी,
हम मार झपट्टा  बाज़ बने !

ईश्वर से उमर ना मांग प्रिये ,
मांगो  तो प्यार की बारिश लो !
दिन कम ही हैं इस जीवन के
मीठा बोलो दिल को खोलो !

साँसों पर जीवन का कब्जा ,
ना हुआ कभी  ना होएगा !
जब सांस ही अपनी नहीं है  तो  ,
तू किस-किस दुःख पर रोएगा ?

हे ईश्वर  भरो दुलार -भाव,
सबके दिल में  ,सबके  ही लिये !
हम प्यार बिना जीवन ये जीये 
ऐसी भी ना मजबूरी हो !!
---------  तनु थदानी

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