हे ईश्वर मत कर प्यार हमे,
किस मकसद से भेजा हमको
हमने ये क्या-क्या कर डाला ,
दिमाग बेच कपड़े पहने ,
फिर शर्म बेच खाना खाया !
शरीर को बिक्री कर-कर के
जमीर भी बिक्री कर डाला !!
हे ईश्वर हम इंसानों ने ,
नफरत बोई ,नफरत काटी !
ले ले तेरा नाम सभी ने ,
आपस मे धरती बांटी !!
कुछ मंदिर वालो ने हड़पा ,
कुछ मस्जिद वाले हड़प गये !
गिरजा ने झपटी कुछ माटी
हम आपस मे ही झड़प गए !!
हे ईश्वर तेरी बगिया मे ,
हम किस्म-किस्म के कांटे हैं !
हमने तुमको भी बाँट दिया,
ज्यो इस धरती को बांटे हैं !
तुम बुत मे भी अच्छे लगते
कुछ नाम से अच्छा पाते हैं !
हम हिन्दू हो या हो मुस्लिम
हम बेच आस्था खाते हैं !!
कागज के टुकड़े छाप लिये
उसको ही ईश्वर है माना!
हे ईश्वर ! अपनी धरती पर,
तुम मत आना , तुम मत आना !!
------------- तनु थदानी
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